उठेल में रॉबिन हुड टाटिया मामा भील की जयंती को मनाया एवं ग्राम एकीकरण समिति का गठन किया गया गया
प्रतापगढ़। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर रॉबिन हुड टाटिया मामा भील जयंती को उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर मनाया गया। साथ ही ग्राम एकीकरण समिति का सर्व सहमति से गठन किया गया। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शंकर कटारा ने बताया कि टंट्या भील (टंट्या या टंट्या मामा) (26 जनवरी 1842 – 4 दिसंबर 1889) 1878 और 1889 के बीच भारत में सक्रिय एक जननायक (आदिवासी नायक) थे। द न्यूयॉर्क टाइम्स मे 10 नवंबर 1889 में प्रकाशित खबर में टंट्या भील को ‘रॉबिनहुड ऑफ इंडिया’ की पदवी से नवाजा गया था । वे भारतीय “रॉबिन हुड” के रूप में ख्यात हैं।
इस महापुरुष को इतिहास के पन्नों से अलग किया जा रहा है जो गलत है हमें पुणे आदिवासी महापुरुषों के बारे में पढ़ने एवं उनके साहित्य को आने वाली पीढ़ी को बताना है।
देवीलाल डामोर ने बताया कि ग्राम एकीकरण समिति से आदिवासी परिवार के विचारधारा को मजबूती से समाज में प्रचारित किया जाएगा तथा फरवरी माह के पहले सप्ताह में पंचायत स्तरीय सामाजिक जन जागरण के आयोजन के लिए रणनीति बनाई गई जल्द ही पंचायत स्तर पर बड़ा आयोजन किया जाएगा।
वार्ड पंच मोहन निनामा ने बताया कि अगर आदिवासी समुदाय को स्वाभिमान एवं आत्मनिर्भरता की और ले जाना है तो ग्राम एकीकरण समिति बहुत बड़ी कड़ी का कार्य करेगी जिस तरीके से मकान को खड़ा करते हैं तो उसमें नीव के पत्थर की भूमिका मजबूत होती है ठीक उसी तरह ग्राम एकीकरण समिति का रोल भी ऐसा ही रहेगा जो प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच बनाने का काम करेगा। कार्यक्रम का संचालन पीरुलाल निनामा ने किया।
