भारत ने पाकिस्तान के चाइनीज एयर डिफेंस सिस्टम को किया ध्वस्त ड्रोन युद्ध ने बदला दक्षिण एशिया का सामरिक संतुलन

इजरायली ड्रोन का कमाल: भारत ने पाकिस्तान के चाइनीज एयर डिफेंस सिस्टम को किया ध्वस्त ड्रोन युद्ध ने बदला दक्षिण एशिया का सामरिक संतुलन

भारत | रविंद्र आर्य की ✍️से Voice of Pratapgarh News 8 मई 2025

नई दिल्ली / लाहौर — भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव ने 8 मई 2025 को एक नया मोड़ ले लिया, जब भारतीय सेना ने अत्याधुनिक इजरायली ड्रोन का उपयोग कर लाहौर में स्थित पाकिस्तान के चीनी-निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। यह हमला दक्षिण एशिया के सैन्य समीकरणों में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का संकेत देता है, जहाँ ड्रोन युद्ध और आधुनिक तकनीक पारंपरिक रक्षा प्रणालियों को अप्रासंगिक बना रही हैं।

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि इस हमले में पाकिस्तान का HQ-9/P HIMADS (हाई टू मीडियम एयर डिफेंस सिस्टम) ध्वस्त कर दिया गया, जो एक परिष्कृत चीनी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है और 120 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। इस सिस्टम को हाल ही में पाकिस्तान सेना में शामिल किया गया था और इसे हवाई खतरों के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच माना जाता था। फिर भी, यह भारत के सटीक ड्रोन हमले को रोकने में असफल रहा।

सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, इस हमले में जिन ड्रोन का उपयोग हुआ, वे इजरायल के उन्नत मॉडलों में से थे, जो उच्च सटीकता वाले टारगेटिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर और स्टील्थ क्षमताओं से लैस थे। भले ही भारत सरकार ने औपचारिक रूप से ड्रोन की इजरायली उत्पत्ति की पुष्टि नहीं की है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन ड्रोनों में इजरायल के प्रसिद्ध Harop और Heron TP श्रेणी के ‘loitering munitions’ (भटकते हथियार) तकनीक की स्पष्ट छाप थी।

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने किसी बड़े नुकसान के दावों का खंडन किया, लेकिन उपग्रह चित्रों और स्वतंत्र रिपोर्टों ने लाहौर रक्षा प्रतिष्ठान पर व्यापक विनाश की पुष्टि की है। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले में न केवल रडार और मिसाइल बैटरियों को नष्ट किया गया बल्कि पाकिस्तान की क्षेत्रीय हवाई निगरानी क्षमताओं को भी पंगु कर दिया गया।

इस हमले से उभरे मुख्य बिंदु: – चीनी रक्षा उपकरणों की अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों के समक्ष कमजोरी उजागर। – आधुनिक विषम युद्ध (asymmetric warfare) में ड्रोन स्वार्म और ‘loitering munitions’ की रणनीतिक बढ़त। – भारत और इजरायल के बीच बीते दशक में गहराता रक्षा सहयोग।

कूटनीतिक स्तर पर, इस स्थिति ने वैश्विक चिंता को जन्म दिया है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने भारत और पाकिस्तान दोनों से तत्काल तनाव कम करने की अपील की है। हालांकि, रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले ने सैन्य संतुलन को स्थायी रूप से बदल दिया है और यह साबित कर दिया है कि पारंपरिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम आधुनिक ड्रोन युद्ध के सामने अपर्याप्त हैं।

इस्लामाबाद ने पलटवार की धमकी दी है और दावा किया है कि पिछले 48 घंटों में उसने 25 भारतीय ड्रोन मार गिराए हैं, परंतु भारत के ड्रोन बेड़े की स्पष्ट तकनीकी बढ़त ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि दक्षिण एशिया में युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है।

यह भी समझना जरूरी है: जिस Harop ड्रोन से भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को ध्वस्त किया, वह इजरायल ने भारत को दिए हैं। भारत के पास अपनी इतनी आधुनिक ड्रोन तकनीक नहीं है — यह इजरायली तकनीक है, जिसे पाकिस्तानी रडार पकड़ भी नहीं सके।

और अंत में एक कड़वा लेकिन यथार्थ वाक्य: जब तक मोदी हैं, तब तक इजरायल भारत के साथ है। वरना फिलिस्तीन के समर्थक सत्ता में आ गए तो फिर पाकिस्तान का जो हाल है, वही हमारे देश का भी हो जाएगा।

8 मई का यह हमला इस बात का प्रमाण है कि इजरायली ड्रोन तकनीक ने क्षेत्रीय संघर्षों में निर्णायक भूमिका निभानी शुरू कर दी है। जैसे-जैसे दोनों देश आगे की स्थिति या कूटनीतिक प्रयासों के लिए तैयारी कर रहे हैं, एक बात स्पष्ट है — ड्रोन युद्ध अब भविष्य नहीं, वर्तमान है।

लेखक : रविंद्र आर्य

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