Voice of Pratapgarh News ✍️ संवाददाता पंडित मुकेश कुमार
चित्तौड़गढ़। अपने नाजायज कब्जे को जायज ठहराने के उद्देश्य से विरोधकर्ताओं के विरूद्ध स्थाई निषेधाज्ञा का दावा लाते हुए अस्थाई निषेधाज्ञा से पाबंद कराने के प्रस्तुत वाद में न्यायालय द्वारा चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए वादीगण का प्रार्थना पत्र टीआई खारीज कर देने पर ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर शीघ्र ही तहसीलदार, पटवारी व पुलिस टीमों का गठन कर चारागाह भूमि पर बड़े-बड़े बाड़े व अन्य निर्माण करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए कब्जा हटाने जाने की मांग की जिससे चारागाह भूमि पर अवैध कब्जे को तुरंत प्रभाव से हटाने के राज्य सरकार के अभियान को संबंल मिल सके। इसकी एक प्रति ग्रामवासियों ने गौ सांसद एडवोकेट जसवंतसिंह राठौड़ को भी दी।
रामाखेड़ा वासियों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि नाजायज कब्जेधारियों ने चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। उसके कब्जे को लेकर उनके द्वारा न्यायालय सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्र के समक्ष स्थाई निषेधाज्ञा एवं अस्थाई निषेधाज्ञा का वाद पेश किया जिसके प्रकरण संख्या 17/2025 निर्णय दिनांक 21-03-2025 को न्यायालय ने वादी का नाजायज कब्जा मानते हुए टीआई प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। इससे पूर्व भी ग्रामवासियों ने नाजायज कब्जे की उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गई।
