जीबीएच हॉस्पिटल में औपचारिकता पूरी कराने के बाद ऑपरेशन से मना करने, मरीज को रेफर करने में लापरवाही का आरोप

Voice of Pratapgarh News ✍️ रिपोर्टर हरिश जटिया 

उदयपुर। जीबीएच हॉस्पिटल बेड़वास में मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने और लापरवाही बरतने पर प्रतापनगर थाने में परिवाद दर्ज हुआ है। प्रार्थी नरेश जणवा जलोदा जागीर ने बताया कि अस्पताल में उनके ससुर शंकर लाल देवड़ा खेरोदा के पित्ताशय के ऑपरेशन के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद ऐन मौके पर डॉक्टर के द्वारा ऑपरेशन के लिए मना कर देने सहित मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर करने में लापरवाही बरती गई। बताया गया कि मरीज को अस्पताल में 24 जनवरी को भामाशाह योजना के तहत भर्ती करवाया गया था। तीन दिन तक गैस्ट्रो स्पेशलिस्ट डॉक्टर अंकुर जैन ने सभी तरह की जांच पूर्ण करने के बाद गैस्ट्रो सर्जन की आवश्यकता बताई, इसके लिए उन्होंने अपने स्तर पर डॉक्टर शिवराज से बात करके प्रक्रिया चालू करने को कहा। इस पर मरीज और उनके परिजन से भामाशाह योजना में अप्रूवल के लिए 26 जनवरी को रात 9:30 बजे औपचारिकता पूरी कर साइट पर अपलोड कर दिया।
डॉक्टर शिवराज ने भी अपनी ओर से ऑपरेशन के लिए औपचारिकता पूरी कर दी। 27 जनवरी को अचानक से डॉक्टर शिवराज ने बोला कि मैं ऑपरेशन की रिस्क नहीं ले सकता हूं और काम की वजह से दो चार दिन के लिए बाहर जा रहा हूं। इस वजह से मैं मरीज को रेफर कर रहा हूँ। इतना सुनते ही परिजन परेशान हो गए। परिजनों ने चार दिन रुक जाने पर सहमति जताई लेकिन डॉक्टर ने एक नहीं सुनी। दोपहर 12 बजे रेफर करने को कहने के बाद भामाशाह योजना में रेफर अप्रूवल के लिए 27 जनवरी को दोपहर 3.30 बजे फाइल अपलोड की। जयपुर से 4.18 बजे क्वेरी आई, जिसका जवाब आधे घंटे में देना होता है, उसका जवाब इन्होने काफ़ी रिक्वेस्ट करने के बाद 7 बजे दिया। फाइल पर केवल डिस्चार्ज लिखा, जबकि रेफर लिखना था। रेफर में फाइल जल्दी अप्रूव हो जाती है, जबकि डिस्चार्ज फाइल अप्रूव होने में देरी होती है। प्रतापनगर थाने से भी 2-4 कॉल करके हॉस्पिटल मैनेजमेंट को शीघ्र अति शीघ्र देवड़ा को रेफर करने को बोला। हॉस्पिटल मैनेजमेंट के अनिल भट्ट को थाने से कॉल किया तो उसने बोला कि मैं एमओडी युवराज सिंह को बोलकर अभी रात 11.30 तक मरीज को रेफर करवाता हूं, लेकिन 28 जनवरी सुबह 8 बजे तक भी रेफर नहीं किया। न्यू आईसीयू में बेड न. 16 पर भर्ती मरीज शंकर लाल देवड़ा की जान के साथ हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने जानबूझकर खिलवाड़ किया। इस दौरान मरीज की पित्त की थैली भी फट चुकी थी, जिसका संक्रमण पूरे शरीर में फैलता जा रहा था। जीबीएच हॉस्पिटल की इस घोर लापरवाही के कारण मरीज की जान भी जा सकती थी। पीड़ित ने संचालक अनिल भट्ट, मैनेजर युवराज सिंह और गैस्ट्रो सर्जन डॉ शिवराज के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की।