भक्त ने सांवरा सेठ मंदिर में चढ़ाया चांदी का रावण:दशहरे के लिए पुतले बनाता था, बारिश आई तो रुकने की मन्नत मांगी थी
Voice of Pratapgarh News ✍️रिपोर्टर पंडित मुकेश कुमार
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के आराध्य देव श्री सांवलियाजी में रविवार को एक भक्त ने चांदी से बने हुए रावण का पुतला भेंट किया। यह भक्त दशहरे और मेलों में रावण के पुतले बनाने बनाने का काम करता है। पिछले साल निंबाहेड़ा मेले में इसे बारिश के कारण पुतले खराब होने का अंदेशा था। भक्त ने भगवान से बारिश रुकवाने की मन्नत मांगी। बारिश रुकी, मेला पूरा हुआ, ऐसे में मन्नत के अनुसार उसने चांदी का रावण बनाकर भेंट किया
141 ग्राम का है रावण का पुतला
मंदिर मंडल के सदस्य संजय मंडोवरा ने बताया- यह भक्त जिले के बड़ी सादड़ी क्षेत्र का रहने वाला छोटूलाल वाल्मीकि 50 था। रविवार शाम छोटूलाल चांदी का रावण लेकर सांवरा सेठ के दरबार में पहुंचा। यह पुतला 141 ग्राम का था। उसने भेंट कक्ष में पहुंचकर रावण को मंदिर मंडल के सदस्य के हाथों में दिया।
मंदिर मंडल के सदस्य संजय मंडोवरा ने इस पुतले के बदले में उनको रसीद काट कर दी। साथ ही, परंपरा के अनुसार उपरणा ओढ़ाकर भक्त का स्वागत किया।
मंडोवरा ने बताया- मंडफिया स्थित श्री सांवलियाजी मंदिर में दूर-दूर से लाखों भक्त आते हैं। यहां मन्नत पूरी होने पर अलग-अलग चढ़ावा चढ़ाते हैं।
बारिश रुकवाने के लिए की थी मन्नत
भक्त छोटूलाल ने बताया- मैं बड़ी सादड़ी का रहने वाला हूं और मेलों में रावण बनाने का काम करता हूं। पिछले साल निंबाहेड़ा मेले के लिए मुझे रावण के पुतले बनाने का टेंडर मिला था। हर साल निंबाहेड़ा में नवरात्रि के दिनों में राष्ट्रीय मेला भरता है।
मैंने दशहरे के लिए रावण का पुतला बनाया था। लेकिन रावण दहन से पहले बारिश हो गई। बारिश रुकवाने के लिए मैंने सांवरा सेठ से मन्नत की थी और रावण दहन से पहले बारिश रुक भी गई। बारिश के रुकने के कारण मेला का आयोजन ढंग से हो पाया। इसलिए रविवार को वो अपनी मन्नत पूरी करने के लिए मैं सांवरा सेठ के दरबार में पहुंचा।
