पूर्णाहुति के साथ भागवत कथा का समापन,10 हजार श्रद्धालुओं ने पाई पंगत प्रसादी

 

Voice of pratapgarh News ✍️ रिपोर्टर महेश कुमार गुप्ता

दौसा। लालसोट उपखंड के मंडावरी में श्रीमद् भागवत कथा का पूर्णाहुति एवं महाप्रसादी के साथ समापन हो गया। कथा वाचक युवराज स्वामी ने कहा कि परमात्मा की कृपा से ही सब संभव होता है। उनकी अनुमति के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता। भगवान समदर्शी हैं, सबको एक नजर से देखते हैं। उनकी नजर में कोई अमीर गरीब नहीं है। श्रीमद्भागवत कथा का उद्देश्य ही परमात्मा के ज्ञान, आत्मा के ज्ञान और सृष्टि विधान के ज्ञान को स्पष्ट करना है। गीता वास्तव में चरित्र निर्माण का सबसे बड़ा और उत्तम शास्त्र है। इसके माध्यम से भगवान ने कहा है कि चरित्र कमल पुष्प समान संसार में रहकर और श्रेष्ठ कर्मों से ही बन सकता है। अनंत विभूषित स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज के सानिध्य में कथावाचक डॉ माधव प्रपन्नाचार्य महाराज युवराज स्वामी रामानुज कोट उज्जैन ने बताया कि अंतिम दिन हवन का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुति देकर विश्व शांति की कामना की। हवन में आहुति देने से व्यक्ति के कुटुंब में उत्पन्न होने वाले विकार अपने आप समाप्त हो जाते है। कथा मैनेजमेंट हैड संदीप शर्मा ने बताया कि सात दिन तक नियमित भंडारे में 1500 से भी अधिक श्रद्धालु पंगत प्रसादी प्राप्त करते थे । कथा समापन पर महाप्रसादी के आयोजन में दस हजार श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी प्राप्त कर पुण्य कमाया। कथा समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री परसादी लाल मीना,मुख्य यजमान रामगोपाल शर्मा,सत्यनारायण शर्मा,भागवत आरती में संदीप, विशाल, विजय शर्मा, अशोक शर्मा वैध, मोहनलाल मिश्र,रामावतार बजाज, सुरेश खंडेलवाल, वेदांत,शितिका, वेदिका,राजमल सोनी, मोहनलाल मिश्र,हुकुम हिंडोनिया,सुरेश शास्त्री सहित सैंकड़ो की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।

Recent Posts