धन पाने को तन खोया तन बचाने को धन खोया: मुनि सुधीन्द्र सागर

Voice of Pratapgarh News ✍️ पंडित मुकेश कुमार 

डूंगरपुर। गैंजी में आचार्य सुनील सागर महाराज के शिष्य मुनि  सुधीन्द्र सागर , क्षुल्लक अकम्प सागर महाराज का चातुर्मास चलते पर्युषण पर्व का आज उत्तम शौच धर्म को मनाया श्रेष्ठि  अनिल जैन ने जानकारी दी बताया कि मुनि ने शौच धर्म का विश्लेषण किया।

शौच धर्म मनाना अर्थात सफाई करना, मन को मांजना चारो कषाय से निवृत होना आज लोभ को खत्म करना व्यक्ति लोभ वश धन कमाने के लोभ में समय पर खाता नही समय पर सोता नही अंधी भागदौड़ में शरीर को खराब कर देता है शरीर का सुधारने के लिए कमाया हुआ धन दवा और डॉक्टर ने खो देता है।

पहला धर्म उत्तम क्षमा हमने क्रोध पर नियंत्रण किया दूसरा मार्दव धर्म को लेकर अभिमान को त्यागा तीसरे दिन आर्जव धर्म के दिन छल कपट का परित्याग किया शौच धर्म लोभ प्रवति का खंडन किया यह चार कषाय है इन कषाय का त्याग करने से जीवन आनंदमय हो जाता है और वास्तिक सत्य धर्म के लक्षण जाग्रत होते है जैसे डिब्बी में हिंग के साथ केशर कस्तूरी रखने से हींग की ही खुशबू आती है हींग से पृथक होने पर केशर खुशबू देती है ऐसे ही चारो कषाय से युक्त सत्य धर्म को धारण करो।

कषाय धर्म को पनपने नहीं देती जैसे घास फूस फसल को पनपने नहीं फसल को खराब कर देती है कषाय को खत्म कर के सत्य धर्म को धारण करने धर्म उद्घाटित होता है और जीवन महक उठता है।
केशव लाल लीला चंद कल्पेश कुमार टप्पू जैन अजब लाल लीला चंद परम सम्माननीय सूरजमल राजेंद्र कोठारी लक्ष्मी लाल मास्टर शांतिलाल केतन और पिंकू समाज वाले उपस्थित थे।

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