पौषाहार में मेंढक प्रकरण की प्राप्त हुई जांच रिर्पोट

 

Voice of Pratapgarh News ✍️ पंडित मुकेश कुमार 

चित्तौड़गढ़। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, समग्र शिक्षा चित्तौड़गढ़ प्रमोद कुमार दशोरा ने बताया की महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय गिलुण्ड के पोषाहार में मृत जीव (मेंढक) पाये जाने की जांच पूर्ण हुई जिसमे पाया गया कि अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा प्रतिदिन पोषाहार लगभग प्रातः 8.45 पर प्राप्त होता है। जिसे कुक कम हेल्पर द्वारा प्राप्त कर निर्धारित स्थान बरामदे में ले जाकर ढक्कन खोला जाता है।” कन्टेनर कुक कम हेल्पर के बताने पर कि पोषाहार में मृत मेंढक की सूचना एमडीएम प्रभारी एवं एसडीएमसी सदस्य को दी गई। शिकायत मिलने पर जिला कलक्टर आलोक रंजन द्वारा तीन राजपत्रिक अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर तुरन्त जांच के आदेश प्रदान किये। जिसकी रिर्पोट सीबीईओ चित्तौडगढ़ द्वारा प्राप्त हुई है।

इसके आधार पर जांच दल द्वारा जांच में पाया गया कि पोषाहार वितरण के लिए परिवहन कर्मचारियों द्वारा नामांकन के आधार पर मात्रा जांच कर पौषाहार कन्टेनर विद्यालय प्रदान किया जाता है। इस हेतु परिवहन कर्मचारी बार-बार कन्टेनर का ढक्कन खोलकर मात्रा देखते है।

रिर्पोट में पाया गया है कि तात्कालिक गिरा नही प्रतीत नही हो रहा था। रास्ते में कही
गिरकर परिहवन के कारण क्षत-विक्षत स्थिति में पहुंच गया। अतः संभावना है कि पौषाहार लोडिंग वाहन में मेंढ़क उपस्थित हो एवं ढक्कन खोलने व पूर्व के कन्टेनर लेने के दौरान गिर गया हो एवं परिवहन से ऐसी स्थिति में पंहुच गया हो। इस घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी संस्था प्रधान को निर्देश प्रदान किये गये। जबकि अक्षय पात्र फाउण्डेशन चित्तौड़गढ़ के प्रबंधक का कहना है कि रसोई की पूरी कार्य प्रणाली साफ सुथरी एवं व्यवस्थित है। इसके साथ ही व्यक्तिगत स्वच्छता एवं वाहन की सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। बड़े-बड़े सब्जी एवं दाल बनाने के 8 फीट उंचे कुकर है जिसमें मेंढक का जाना संभव नही है। इसी के साथ विद्यालयों मे जाने वाले कन्टेनर को 100 डिग्री की भांप से स्टेरिलाईजेशन किया जाता है। जिससे किसी भी की गंदगी की संभावना नही रहती है। भोजन बनाने पूर्व सभी बर्तनों को बोइल्ड पानी से अच्छे से धोया जाता है। भोजन बनाने से पहले सभी खाद्य पदार्थो को तीन धोया जाता है फिर कुकिंग प्रोसेस में जाता है। यह सारा कार्य फुड इन्सपेक्टर की देखरेख में किया जाता है। कार्य प्रणाली को देखने के लिए सीसीटीवी भी उपलब्ध है जिसका अवलोकन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा किया जा चुका है। जिसमें मेंढक के आने का कोई साक्ष प्रतीत नही होता है। घटना के दिन जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक मुख्यालय द्वारा किये गये औचक निरीक्षण में भोजन बनाने के सभी कार्य उचित मापदण्ड के अनुसार पाये गये।

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