चनार ग्राम पंचायत में नदी मेें होकर निकलती है शव यात्रा

Voice of Pratapgarh News✍???? महावीर चन्द्र

सिरोही। आबूरोड समीप चनार ग्राम पंचायत समिति के देवराजी फली में किसी की मौत होने पर आदिवासियों को शव नदी के दूसरे छोर पर बने श्मशान घाट पर ले जाना पड़ता है ऐसे में बरसात के मौसम में उफनती नदी में से होकर निकलने से जान जाने का खतरा बना रहता है। लेकिन, श्मशान घाट नदी के दूसरी तरफ होने से लोग जान जोखिम मेें डालकर शव यात्रा ले जाने को विवश है भगवान ना करे कोई बरसात में मरे कुछ ऐसे ही अल्फाज है चनार ग्राम पंचायत के समिति देवराजीफली के यहाँ पर आदिवासी बारिश के दिनों में भगवान से कहते हैंं कि बारिश में किसी की मौत ना हो इन दिनों गांव में किसी की मौत होने पर ग्रामीणों को नदी के दूसरे छोर पर बने श्मशान घाट पर जाने में समस्या होती है यहांं मरने वाले को मौत के बाद भी समस्या से मुक्ति नहीं मिलती है ग्रामीणों को नदी में पानी उतरने का इंतजार करना पडता है या दूसरे छोर पर शव के साथ पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है। उच्चाधिकारियों को भी समस्या से अवगत कराया गया लेकिन, आज दिन समाधान नहींं हुआ व पानी में तेज बहाव व गहराई का अनुमान लगाने के लिए एक व्यक्ति हाथ मेंं आगे आगे लकड़ी लेकर चलता है वह पानी की गहराई का अनुमान लगता है उसके पीछे-पीछे शव यात्रा चलती है बड़ी मुश्किलोंं का सामना कर शव यात्रा श्मशान घाट पहुंंचती है इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाता है देश की आजादी के करीब साढ़े सात दशक बाद भी गांवों में यह हाल है जहां सरकार देश मे विकास के दावे करती है, जो हालात को देखते हए खोखले साबित हो रहे है।