देश में मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के विरोध में राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

 

Voice of Pratapgarh News ✍️ TARU SINGH 

प्रतापगढ़। बेगुनाह मुसलमानो की लगातार देश में मोब लिंचिंग और हत्याओं को रोकने एवं न्याय के संबंध में राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया|
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है पिछले एक दशक से भारतीय जनता पार्टी की सरकार और राज्य सरकार सत्ता में होते हुए भी लगातार देश भर में मुसलमान पर अन्याय अत्याचार की घटनाएं बड़ी है। जिसमें मुख्य रूप से कभी मोब लिंचिंग के नाम पर, कभी फर्जी गौ-कशी के नाम पर, लव जिहाद के नाम पर, और यहां तक की पुलिस कस्टडी और चलती ट्रेनों में भी हत्याएं हो रही है। देश में नफरतवादी संगठनों के द्वारा जगह-जगह पर मुसलमानों के इबादतगाहों, दुकानों, मकान और बस्तियों पर बुलडोजर चलाकर उजाड़ने का काम मौजूदा सरकारों के द्वारा किया जा रहा है। जबकि राज्य व केंद्र सरकारों की जिम्मेदारी है, अपने देश और राज्य में निवास करने वाले नागरिकों की जान-माल की रक्षा-सुरक्षा और उन्हें स्थापित करने की लेकिन एक दशक से बड़े पैमाने पर जगह-जगह बिना नोटिस एवं बिना प्रामाणिकता के बुलडोजर चला कर 70 से 80 सालों से निवास कर रहे लोगों की बस्तियों और घरों को तोड़फोड़ कर उन्हें विस्थापित करने का किया जा रहा है | जिसमें कहीं-कहीं पर तो न्यायालय के फैसलों व आदेशों को भी नजरअंदाज कर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है जो पूर्णतः असंवैधानिक और अमानवीय है अभी नई सरकार के गठन के तत्पश्चात पिछले तीन सप्ताह के अंदर देशभर में बेगुनाह मुसलमानो की मोब लिंचिंग व हत्या तथा घर और बस्तियों को जलाने की घटनाएं बड़े पैमाने पर हो रही है जिसमे मुस्लिम युवक की पिटाई की जाती हैं और प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि जा रही हैं। अतः ऐसी घटनाओं के विरोध में भारत की राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर मांग की गई है कि हत्या के दोषियों पर फास्ट्रेक कोर्ट में मुकदमा चलाकर कम से कम समय में फांसी या आजीवन कारावास की सजा दी जाए, जिन निर्दोष व्यक्तियों की हत्याएं की गई है उनके आश्रितों को मुआवजे के तौर पर एक-एक करोड़ रुपये और एक सरकारी नौकरी तथा उनके परिवार को स्थाई सुरक्षा दी जाए तथा शासन के द्वारा उनके बच्चों की पढ़ाई की पूरी शिक्षा व्यवस्था की जाए, पूरे देश भर में इस तरह के अपराधों को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर यथाशीघ्र पाबंदी लगाई जाए। जिन परिवारों को गैरकानूनी/ असंवैधानिक कार्रवाई के माध्यम से बेघर किया गया है ऐसे परिवारों को यथाशीघ्र जमीन आवंटन कर उस पर भवन निर्माण करा कर हुए नुकसानों की प्रतिपूर्ति करते हुए पुनर्वास किया जाए। असंवैधानिक तरिके से विस्थापित किए गए विस्थापितों को शारीरिक,मानसिक और आर्थिक क्षति के रूप में ₹5000000 मुआवजा के तौर पर दिया जाए, इस्लाम धर्म से जुड़ी हुई समस्त धार्मिक धरोहर प्राचीन/नई एवं धर्म ग्रंथो को संरक्षण प्रदान किया जाए। जिससे कि कोई नफरती व्यक्ति धार्मिक स्थलों को क्षति ना पहुंचा सके एवं इस्लाम धर्म से जुड़े धर्म ग्रंथो और मान्यताओं पर किसी तरह की कोई टीका टिप्पणी न कर सके इस पर कठोर कानून बनाया जाए।
उपरोक्त मांगों पर तत्काल प्रभाव से यदि कार्रवाई नहीं की गई तो राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा राष्ट्रियव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
इस अवसर पर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोपने में अब्दुल कादिर प्रदेश अध्यक्ष कार्यकारी राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, जुल्फिकार आलम खान प्रदेश उपाध्यक्ष राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, मोहम्मद हुसैन मंसूरी राष्ट्रीय महासचिव भारत आदिवासी पार्टी, जयंतीलाल रैदास जिला अध्यक्ष भारत मुक्ति मोर्चा, अब्दुल रशीद कार्यकारी जिला अध्यक्ष राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, युसूफ शेख, मोहम्मद हनीफ खान आदि मौजूद रहे।