बक्षी गली वटकेश्वर् महादेव मंदिर पर श्री शिवपुराण कथा का पांचवा दिवस संपन्न

 

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प्रतापगढ़। वटकेशवर महादेव मंदिर बक्षी गली , तलाई मोहल्ला में चल रही सप्त दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का आज पांचवा दिवस संपन्न हुआ। शिव भक्त मण्डल के महेश सिंह चौहान,ईश्वर सिंह राठौड़ कपिल सिंह चौहान ने बताया की श्री शिव महापुराण कथा प. घनश्याम शास्त्री नारायण खेड़ा के मुखार बिंद से ज्ञान गंगा प्रभावित हो रही है जिसमे कुम्हार खण्ड का प्रसंग सुनाया जिसमे भगवान महादेव और माता पार्वती का विहार जिसमे देवताओं द्वारा बीच में विक्षेप करना , माता पार्वती का क्रोधित होना और देवताओं को श्राप देना की तु सर्व भक्षी हो जाए तथा अग्नि और भोलेनाथ का बीज कबूतर का ग्रहण करना तथा माघ सुदी छठ के दिन कार्तिक स्वामी का सप्तऋषि की पत्नियों द्वारा प्रकट होना , इसलिए कार्तिक स्वामी को षडानन कहते है। महादेव तपस्या में लीन रहने पर पार्वती ने अपनी रक्षा हेतु अपने मेल से गणेश की रचना करी महादेव का आना तथा गणेश को न पहचानना तथा सिर काटना , पार्वती द्वारा विलाप , महादेव विष्णु के साथ जाना , हाथी की सूंड लाकर गणेश को लगाना , अमृत वर्षा कर प्राण वायु का संचार कर जीवित करना फिर पृथ्वी की परिक्रमा हेतु कहना कार्तिक मयूर पर परिक्रमा हेतु निकलना लेकिन गणेश द्वारा माता पिता की सात परिक्रमा कर पृथ्वी की परिक्रमा के बराबर फल प्राप्त कर लिया तत्पश्चात गणेश के साथ रिद्धि एवं सिद्धि का विवाह किया जब कार्तिक परिक्रमा कर वापस आए नाराज होकर पर्वत पर चले गए।
कथा के दौरान नारायण खेड़ा वाले आचार्य मांगीलाल शर्मा , चौकन्ना बालाजी मंदिर के व्यवस्था पक मनमोहन अग्रवाल , मीराबाई तथा बाहर गांवों से पधारे सभी अतिथियों का शिव भक्त मण्डल द्वारा स्वागत किया गया।
श्री शिव महापुराण कथा में प. घनश्याम शास्त्री ने बताया की अपनी कमाई में कुछ हिस्सा धर्म के नाम पर भी निकालना चाहिए धर्म के नाम दान को महादान कहा गया ।
शिव पुराण कथा मे जो भी व्यक्ति माता बहिनें सहयोग राशी दे रहे उन सभी का शिव भक्त मण्डल द्वारा आभार व्यक्त किया गया । रात्रि में सुंदर काण्ड का भी आयोजन किया गया। सभी भक्तजन कथा का श्रवण कर तथा बीच बीच में भजनों पर नृत्य कर आनंदित हो रहे है।
कल कथा ठीक 11 बजे प्रारंभ होगी। सभी धर्म प्रेमी सज्जनों ,माताओं बहनों कथा श्रवण हेतु समय पर पधारे।