Voice of Pratapgarh News@ महेश कुमार गुप्ता।
एक्ट तो 2017 से लागू है: निर्देश देने में आठ साल क्यों लगे, जबकि राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी आदेश आ चुके है, अगर निजी स्कूल एक्ट के खिलाफ कोर्ट जा रहे है तो अभिभावक संघ भी कोर्ट जायेगा – अभिषेक जैन बिट्टू
जयपुर। बुधवार को प्रदेश के 40 हजार निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा फीस एक्ट की पालना सहित पुस्तके और ड्रेस को लेकर एक दिशा निर्देश जारी किए गए है जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने आक्रामक रुख अपना कर तंज कसते हुए शिक्षा निदेशालय पर बड़ा आरोप लगाते है ” दिशा निर्देश को केवल एक ड्रामा करार दिया है और कहा है की दिशा निर्देश जारी होने से पहले शिक्षा विभाग ने बंद कमरों में निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठकर अभिभावकों को लूटने की योजना बनाई है और उसके बाद दिखावा करने के लिए यह दिशा निर्देश जारी कर दिए जिससे अभिभावकों को गुमराह किया जा सके। ”
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की फीस एक्ट कानून 2016 में बना और फरवरी 2017 में यह लागू हो गया था, एक्ट को लेकर जो दिशा निर्देश बुधवार को जारी किए गए सर्व प्रथम तो शिक्षा विभाग यह बताए की इस निर्देश को जारी करने में आठ साल का वक्त क्यों लगा, जबकि इस दौरान 18 दिसंबर 2020 को राजस्थान हाईकोर्ट ने फीस एक्ट लागू करने के आदेश दिए थे अब तक राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना क्यों की गई और करवाई गई, केवल इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 2020 से पेंडिंग चल रहा था जिसका निस्तारण 3 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर फीस एक्ट लागू करने के निर्देश दिए थे, निजी स्कूल संचालक फिर भी नही माने दुबारा पुर्नविचार याचिका लगाई तो सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्तूबर 2021 को दुबारा वही आदेश जारी किए, तब से अब तक शिक्षा विभाग कहा सो रहा था, इस दौरान पूरे राजस्थान से अभिभावक संघ सहित हजारों अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, उन शिकायतों का क्या निस्तारण किया शिक्षा विभाग उनकी जानकारी सार्वजनिक करे और यह फीस एक्ट पालन का जो निर्देश जारी हुआ है उसकी पालना कब से निर्धारित की जायेगी उसकी जानकारी सार्वजनिक करे।
अभिषेक जैन बिट्टू ने निजी स्कूलों संचालकों को कोर्ट में चुनौती देने बात पर कहां की निजी स्कूल संचालक इंसानियत और व्यवहार निभाना भूल चुके है, उन्होंने शिक्षा को व्यापार का केंद्र बनाकर रख दिया है अगर वह एक्ट को कोर्ट ने चुनौती देते है तो संयुक्त अभिभावक संघ भी पीछे नहीं हटेगा, अगर स्कूल संचालक डाल-डाल है तो अभिभावक संघ पात-पात रहेगा, पूर्व ने भी राजस्थान हाईकोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट हो दोनो जगह संयुक्त अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों की चुनौतियों को स्वीकार किया है और अभिभावकों के पक्ष में निर्णय लेकर आए है।
अभिषेक जैन बिट्टू
प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान (जयपुर)
