प्रतापगढ़/दलोट। छत्तीसगढ़ के अंदर जिला अंबिकापुर कोरबा सूरजपुर और सरगुजा संभाग में अनुसूचित क्षेत्र में सरकार ने फर्जी ग्राम सभा निर्मित कर बिना ग्राम सभा की अनुमति के ही छत्तीसगढ़ सरकार एवं केंद्र सरकार अडानी कंपनी द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है सर्वे किया जा रहा है। और असंवैधानिक कानून के द्वारा भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।जिससे पूरे भारत के आदिवासी समुदाय विचलित और आक्रोश में है तथा इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करता है।
संविधान के अनुच्छेद 338 का के तहत पावर के आधार पर राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में इस कानून माइन्स एंड मिनरल्स एक्ट 1957 को अवैध बताया गया है। ज्ञापन में मांग की है राष्ट्रपति को अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुसूचित क्षेत्रों में इस तरीके का अवैध कार्य रोकना चाहिए एवं जंगल को बचाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगल को अवैध तरीके से केंद्र सरकार एवं राज्यसभा कर द्वारा काट दिया गया है जो पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। सरकार समय रहते हसदेव जंगल को बचाने का कार्य नहीं करती है तो पूरे भारत में आदिवासी समुदाय द्वारा जन आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस सम्बन्ध में
तहसीलदार दलोट को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे ।
