बेटी पढ़ेगी, तो स्वास्थ्य और समाज होगा मजबूत- जिला कलक्टर

प्रतापगढ़। बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं सिर्फ एक लाइन नहीं है, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि बेटियां पढ़े लिखे और उनका स्वास्थ्य बेहतर हो। इस अवधारण को सभी आगे रखकर बेटियों को संरक्षण देंगे और उनको शिक्षा की ओर अग्रसर करेंगे तो ना सिर्फ बेटी मजबूत होंगी बल्कि देश और समाज भी सशक्त होगा। ये बात जिला कलक्टर डाॅ अंजलि राजोरिया ने बुधवार को राष्टीय बालिका दिवस के अवसर पर कहीं। वे पीपलखूंट खण्ड सभी जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में कहीं। कलक्टर ने कहा कि बेटियां खूब पढ़ें, निडर होकर आगे बढ़े। अपने सपने साकार करें और घर परिवार के साथ देश और प्रदेश की उन्नति में भी सहभागी बने। इस अवसर पर जिलेभर में बेटियों को सशक्त करने और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरूतियों पर खत्म करने पर सेमिनार, शपथ, रंगोली और वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई।
कार्यक्रम के बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ वीडी मीना एवं आरसीएचओ डाॅ जगदीप खराड़ी ने जिले के लिंगानुपात, मुखबिर योजना के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बालिका के जन्म को संबल प्रदान करने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
जिला चिकित्सालय परिसर की एएनएमटीसी सेंटर पर नर्सिंग के छात्र छात्राओं के द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं पर एक सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें एनएनएमटीसी एवं राजकीय नर्सिंंग महाविद्यालय के प्राचार्य रतन लाल पाटीदार ने सिरकत किया। इस अवसर पर जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेश पाटीदार ने जिलें की लिंगानुपात और राज्य सरकार द्वारा चल रही योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम के तहत आरबीएसके टीम के द्वारा भी सभी स्कूलों में इस अवसर पर विशेष स्क्रीनिंग की गई। आरबीएसके के नोडल अधिकारी डाॅ विश्वनाथ ने बताया कि आरबीएसके टीम के द्वारा बालिकाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के साथ ही माहवारी स्वच्छता, रक्त अल्पता के विकार एनिमिया आदि से जुड़ी जानकारी दी। कार्यक्रम के तहत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भी स्कूलों में शपथ, जागरूकता के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी के साथ ही सबसेंटर स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा भी विभिन्न ग्राम पंचातयतों पर जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए गए। गौरतलब है कि 24 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। जिसमें बालिकाओं के सामने आने वाली असमानताओं को उजागर करने और उनके अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व सहित जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाने लगा।

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