प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा भुमाफिया व फिरोतीबाज की बेनाम
पुलिस मुख्यालय के ड्रग माफियाओं तथा भुमाफियाओं के खिलाफ अभियान की कडी में प्रतापगढ पुलिस की बडी कार्यवाही
भुमाफिया व फिरोतीबाज की बेनामी सम्पति को बेनामी सम्पति लेनदेन निषेध अधिनियम 2016 के तहत् अटैच / जब्त/विधिक कार्यवाही कराने का प्रस्ताव किया पेश
प्रतापगढ़। जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में विगत माह में मुस्तफा बोहरा के आत्महत्या प्रकरण में गिरफ्तार भुमाफिया और फिरौतीबाज जानशेर खान पिता शेरनवाज खा निवासी अखेपुर थाना प्रतापगढ़, जो कि काफी समय से प्रतागपढ शहर एवं आसपास के क्षेत्र में भुमाफिया और फिरौतीबाज के तौर पर सक्रिय है। इस प्रकार जिला पुलिस द्वारा भुमाफिया के द्वारा अर्जित की गई लगभग 30 करोड बाजार मुल्य की बेनामी सम्पति को चिन्हित किया जाकर अटैच / जब्त कराने हेतु बेनामी सम्पति लेन देन निषेध अधिनियम 2016 के तहत् प्रस्ताव संयुक्त निदेशक इनकम टैक्स एंव राजस्थान टैनेंन्सी एक्ट 1955 की धारा 175 के तहत् कार्यवाही के लिये जिला कलक्टर प्रतापगढ को पत्र लिखा गया है।
अभियुक्त जानशेर खान जिले का कुख्यात अपराधी है, जो काफी समय से जिले भुमाफिया, फिरोतीबाज और दलाल के रूप में सक्रिय था। यह अपनी आपराधिक पृष्ठभुमि के आधार पर शहर प्रतापगढ एवं आसपास के क्षेत्र में ऐसी सम्पतिया जैसे कृषि भुमि / प्लॉट / मकान आदि जिसके दो पक्षों में विवाद हो, उन पर अपना भय दिखाकर कम दाम में सौदा करवा देता अथवा स्वंय के नाम / अपने रिश्तेदारों के नाम पर रजिस्ट्री करवा देता है एंव अपने कब्जे में कर लेता है। अभियुक्त के खिलाफ 2012 से अब तक कुल 04 प्रकरण अवैध वसुली और जान से मारने के प्रयास के दर्ज है।
माह नवंबर में अभियुक्त के द्वारा प्रतागपढ शहर के मुस्तफा बोहरा से कई सम्पतियों के लेनदेन में जबरन पैसा वसुल करने एवं मदंसौर में मुस्तफा बोहरा से 2 करोड में कॉम्प्लेक्स का सौदा करने के बाद रजिस्ट्री नही करवाने व अवैध वसुली की मांग से परेशान होकर मुस्तफा बोहरा ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। इस प्रकरण में अनुसंधान के दौरान अभियुक्त जानशेर ने बताया कि उसने धोखाधडी करके और डरा धमका कर जमीन के मामले में बहुत सारी अवैध वसुली की है। उन वसुली को बेनामी सम्पतियों में बदला है। जिस पर इन बेनामी सम्पतिया के बारे में थानाधिकारी प्रतागपढ द्वारा जांच की गई।
अभियुक्त जानशेर द्वारा शहर प्रतागपढ के आसपास के क्षेत्र में बगवास क्षेत्र में करीब 15 बीघा कृषि भुमि, चनियाखेडी रोड पर 08 बीघा कृषि भुमि, सदर बाजार प्रतागपढ में 02 दुकानें और एक आवासीय मकान बसाड रोड पर 03 बीघा कृषि भुमि और हनुमान नगर मैं एक आवासीय मकान, सिधेरिया गांव में 15 बीघा कृषि भुमि और सांवरिया कॉलोनी में 02 प्लॉट और मदंसौर में 07 दुकाने और एक कॉम्प्लेक्स, तालाबखेडा प्रतागपढ में 02 बीघा कृषि भुमि और गंधेर अखेपुर में 02 बीघा कृषि भुमि को अभियुक्त द्वारा काफी कम मुल्य पर लोगों को डरा धमका कर अपने सहयोगियो और रिश्तेदारों तथा स्वंय के नाम पर खरीद फरोख्त की गई। उक्त सम्पतियों से सबंधित दस्तावेज प्राप्त किये गये तो पाया गया कि उक्त सम्पतियों का अनुमानित बाजार मुल्य 30 करोड रूपये से अधिक है।
अभियुक्त ने उपरोक्त सम्पतियों के खरीद फरोख्त में अपने विश्वसनीय सहयोगियों को ही रजिस्ट्री में गवाह के तौर पर रखा हुआ है। जिससे अभियुक्त को सम्पति का कब्जा लेने और उनको पुनः बेचने में कोई परेशानी नही हो।
प्रतापगढ। पुलिस द्वारा अभियुक्त की सभी सम्पतियों को चिन्हित किया गया और इन सम्पतियों को अटैच / जब्त / विधिक कार्यवाही कराने हेतु बेनामी सम्पति लेन देन निषेध अधिनियम 2016 के तहत् दस्तावेज थानाधिकारी प्रतापगढ भगवानलाल द्वारा तैयार कर पेश किये गये। जिन्हे बाद अनुमोदन के संयुक्त निदेशक इनकम टैक्स को तथा राजस्थान टैनेंन्सी एक्ट 1955 की धारा 175 के तहत् कार्यवाही के लिये जिला कलक्टर प्रतापगढ को पत्र लिखा गया है।
